रिया की गिरफ़्तारी और सुशांत की मौत के बीच क्या-क्या हुआ

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- Author, सरोज सिंह
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित ख़ुदकुशी की पहेली सुलझने के बजाय लगातार उलझती हुई दिख रही है.
राजनीतिक नेताओं के आरोप-प्रत्यारोप, नार्कोटिक्स विभाग की कार्रवाई, प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ, सीबीआई जांच, पिता की एफ़आईआर इंसाफ़ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुशांत की बहन की चिट्ठी, बॉलीवुड में 'बाहरी' के ख़िलाफ़ गैंगवार का आरोप, पैसे की हेराफेरी के आरोप और ना जाने क्या-क्या...
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के इस मामले में हर गुज़रते दिन के साथ एक नया एंगल सामने आ जाता है.
इतने पर भी बात यहीं ख़त्म नहीं होती.
सुशांत की गर्लफ़्रेंड रहीं रिया चक्रवर्ती की गिरफ़्तारी के बाद भी कई सवाल हैं जो अब भी कायम हैं.
इस पूरे मामले से जुड़ी कई बातें ऐसी हैं जो अफ़वाह हैं और कई ऐसे तथ्य हैं जिन पर पर्दा पड़ा है. ये रिपोर्ट एक कोशिश है आप तक इस मामले से जुड़ी वो जानकारी पहुँचाने की जो केवल सच पर आधारित है और मीडिया के ट्रायल का हिस्सा नहीं हैं.

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रिया की गिरफ़्तारी किस मामले में हुई?
ड्रग्स लेन-देन के मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को आठ सितंबर को गिरफ़्तार कर 22 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
उन्होंने मुंबई की विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर की जिसे शुक्रवार ( 11 सिंतबर) को मुंबई की एक विशेष अदालत ने ख़ारिज कर दिया. अदालत ने साथ ही उनके भाई शौविक चक्रवर्ती और अन्य अभियुक्तों अब्दुल बासित, ज़ायद विलात्रा, दीपेश सावंत और सैमुअल मिरांडा की ज़मानत की अर्ज़ी भी ठुकरा दी.
रिया चक्रवर्ती पर सुशांत के लिए ड्रग का इंतज़ाम करने और उस दौरान पैसे के लेन-देन का आरोप है.
रिया को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8C, 22, 27A 28 और 29 के तहत गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें ड्रग्स की तस्करी, ड्रग्स लेने के लिए बरगलाने और षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है. इस बात की कहीं से आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि रिया के पास से एनसीबी को कोई ड्रग मिला है या फिर क्या वो उनका सेवन करती थीं.
चार सिंतबर को रिया के भाई शौविक को भी एनडीपीएस एक्ट के तहत ही गिरफ़्तार किया गया था.
यहाँ ये जानना ज़रूरी है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत का ड्रग्स से कोई लेना-देना है, इसका कोई भी लिंक अभी तक किसी जाँच एजेंसी ने साबित नहीं किया है. ये बात ज़रूर मीडिया में अब चल रही है कि सुशांत को ड्रग्स देकर रिया ने अपने 'वश' में कर लिया था.
एनसीबी ने अब तक रिया और उनके भाई समेत कुल 10 लोगों की गिरफ्त़ारी की है. इन 10 लोगों में सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा, सुशांत के स्टाफ़ दीपेश सावंत समेत ड्रग सप्लायर ज़ैद विलातरा, बासित परिहार, अनुज केसवानी, कैज़ान इब्राहिम, अब्बास अली लखानी और कर्ण अरोड़ा शामिल हैं.

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1. कितनी जाँच एजेंसियाँ सुशांत मौत मामले की जाँच में जुटी हैं?
सुशांत की मौत हत्या थी या आत्महत्या? या उन्हें किसी ने आत्महत्या के लिए उकसाया था? इस बारे में सीबीआई जाँच कर रही है.
19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पूरे मामले की जाँच सौंपी थी. इससे पहले मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस ही इस मामले की जाँच कर रही थी.
मुंबई पुलिस ने जाँच के दौरान कुल 56 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे. उसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था.
मुंबई के पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह ने जाँच के दौरान कहा था, "मुंबई पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है. सभी संभावित कारणों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की जा रही है. सुशांत बाइपोलर डिसऑर्डर के मरीज़ थे और उनका इलाज चल रहा था. किन परिस्थितियों में उनकी मौत हुई, ये हमारे जांच का विषय है."
उन्होंने कहा था "एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद इस मामले में जांच जारी है और अभी तक मुंबई पुलिस ने 56 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. सुशांत की बहनों के भी बयान दर्ज किए गए हैं. बॉलीवुड में भाई-भतीजावाद के सवाल को लेकर भी मुंबई पुलिस ने कई निर्माता-निर्देशकों से पूछताछ की है."
सुशांत के पिता केके सिंह ने अगस्त के महीने में एक वीडियो जारी कर मुंबई पुलिस पर जाँच में लापरवाही का आरोप लगाया था.
उन्होंने कहा था, "25 फरवरी को मैंने बांद्रा पुलिस को बताया था कि वो ख़तरे में है. 14 जून को उसकी मौत हो गई. मैंने पुलिस से उन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की है जिनके नाम 25 फरवरी की शिकायत में लिए गए थे. लेकिन सुशांत की मौत के 40 दिनों बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसलिए मैंने पटना में एफ़आईआर कराई."
मुंबई पुलिस ने 25 फरवरी को शिकायत दर्ज कराने को लेकर सुशांत के पिता की ओर से किए गए दावे को भी ख़ारिज किया और कहा कि बांद्रा पुलिस को ऐसी कोई शिकायत लिखित में नहीं मिली थी.
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बिहार पुलिस ने सुशांत पिता के एफ़आईआर दर्ज होने के बाद पूरे मामले की जाँच शुरू की. बिहार पुलिस के अधिकारी जब मुंबई पहुँचे तो उन्हें क्वारंटीन किया गया. फिर बिहार सरकार की तरफ से सीबीआई जाँच की माँग की गई.
रिया चक्रवर्ती ने पटना में दर्ज एफ़आईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में डाली. सुप्रीम कोर्ट ने पूरी जाँच सीबीआई को सौंपने का फैसला सुनाया.
फ़िलहाल सुशांत की मौत के मामले की जाँच सीबीआई कर रही है.
सुशांत के परिवार ने पैसे ऐंठने की जो बात अपने एफ़आईआर में दर्ज कराई है, उसकी जाँच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की तरफ़ से की जा रही है. इस पूरे मामले में जाँच के दौरान ड्रग्स के एंगल की भी बात सामने आई है. इस एंगल की जाँच नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो कर रहा है.

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2. किस एजेंसी की जाँच कहाँ तक पहुँची है?
किसी भी एजेंसी ने जाँच में क्या कुछ निकला है या फिर किस दिशा में जाँच जा रही है, इस पर खुल कर कभी कुछ नहीं बताया गया है.
सीबीआई ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इतना ज़रूर कहा है, " सीबीआई नियमों के मुताबिक़ बड़े ही पेशेवर तरीके से सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जाँच कर रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट को सीबीआई के हवाले से बता कर पेश किया जा रहा है, जो मनगढ़ंत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है. सीबीआई की पॉलिसी के मुताबिक़, जब जाँच चल रही होती है तो केस से जुड़ी कोई जानकारी हम शेयर नहीं करते.''
''न तो सीबीआई के प्रवक्ता और न ही जाँच से जुड़े किसी भी अधिकारी ने कोई जाँच से जुड़ी कोई जानकारी मीडिया से शेयर की है. सीबीआई के हवाले से चल रही सभी जानकारी निराधार है. मीडिया से अनुरोध है कि सीबीआई को कोट करने से पहले प्रवक्ता से उस ख़बर की पुष्टि ज़रूर कर लें."
इसी तरह से ईडी की तरफ़ से भी फिलहाल कोई आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं किया गया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग केस के सिलसिले में जाँच कर रही है. 30 जुलाई को एक ट्वीट के जरिए समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ये कहा कि बिहार सरकार से ईडी ने सुशांत के पिता की एफ़आईआर की कॉपी माँगी है.
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इसके अलावा रिया चक्रवर्ती ने ख़ुद अपने इंटरव्यू में इस बात को स्वीकार किया कि ईडी ने भी उनसे पूछताछ की है.
पूरे मामले में जाँच करने वाली तीसरी जाँच एजेंसी है नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी. इसकी तरफ़ से भी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
हाँलाकि जाँच शुरू करते हुए नार्कोटिक्स विभाग के डिप्टी डीजी मुत्था अशोक जैन ने सितंबर के पहले सप्ताह में कहा था, "एनसीबी आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय या फिर अंतरराज्यीय ड्रग कनेक्शन के मामले में जाँच करती है ताकि इस रैकेट से जुड़ी 'बड़ी मछलियों' को पकड़ा जा सके. हम ऐसे (रिया-सुशांत) मामले की जाँच नहीं करते. लेकिन अब हमें जानकारी मिल रही है, इसलिए हम अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ेंगे."
इसके अलावा रिया को न्यायिक हिरासत में भेजने के समय कोर्ट में बहस के दौरान जो तर्क एनसीबी की तरफ़ से पेश किए गए थे, वो मीडिया में लीक हुई.
इसके आधार पर बताया जा रहा है कि रिया को एनडीपीएस एक्ट की धारा 8C, 22, 27A 28 और 29 के तहत गिरफ़्तार किया गया.
ये धाराएँ ड्रग्स की तस्करी, ड्रग्स लेने के लिए बरगलाने और ड्रग्स से जुड़े षड्यंत्र में शामिल होना से जुड़ी हैं. रिया की जमानत याचिका में भी इन धाराओं का ज़िक्र है.
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3. रिया और उनके परिवार पर सुशांत के पिता ने FIR में क्या आरोप लगाए?
सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने बेटे की मौत एक महीने के बाद 25 जुलाई को पटना के राजीव नगर थाना में एफ़आईआर दर्ज़ कराई थी.
परिवार के वकील के मुताबिक़ पटना पुलिस एफ़आईआर दर्ज नहीं कर रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कहने पर ही एफ़आईआर दर्ज की गई.
पटना के राजीव नगर के कार्यकारी थाना प्रभारी योगेंद्र रविदास ने बीबीसी से कहा कि एफ़आईआर में रिया के ख़िलाफ़ एफ़आईआर में पैसा ऐंठने और आत्महत्या के लिए उकासने की बात कही है. बीबीसी के पास भी एफ़आईआर की कॉपी मौजूद है.
सुशांत के पिता की एफ़आईआर में लिखा है, ''मई 2019 में रिया की एंट्री सुशांत की ज़िदगी में हुई. वो अपने माता-पिता, भाई और अन्य लोगों के साथ मिल कर सोची समझी साजिश के तहत सुशांत से जान-पहचान बढ़ाने लग गईं, जिससे वो मेरे बेटे के सम्पर्कों का फ़ायदा उठा कर अभिनय जगत में ख़ुद को स्थापित कर सके और सुशांत के करोड़ों रुपये पर हाथ साफ़ कर सके. ''
रिपोर्ट में उन्होंने कई और मुद्दे भी उठाए -
•रिया से सम्पर्क में आने के बाद सुशांत की दिमागी परेशानी बढ़ी. इसकी जाँच की जाए.
•अगर सुशांत को मानसिक बीमारी थी, तो इलाज के लिए परिवार से लिखित इजाज़त क्यों नहीं मांगी गई?
•इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी पूछताछ की जाए.
•पिछले एक साल में मेरे बेटे के बैंक खाते में 17 करोड़ रुपये थे, जिसमें से 15 करोड़ निकाले गए हैं. किन-किन खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए ,उनकी जाँच होनी चाहिए. रिया ने कितना पैसा अपने और अपने परिवार वालों के खाते में डाले हैं इसकी जाँच होनी चाहिए.
•रिया के आने के बाद सुशांत को फिल्में मिलना क्यों बंद हो गई, इसकी भी जाँच होनी चाहिए
•मेरा बेटा आर्गेनिक खेती के लिए केरल जाना चाहता था, जो रिया नहीं चाहती थीं. इसलिए उन्होंने उसकी मानसिक स्थिति और इलाज से जुड़े सारे पेपर मीडिया में लीक करने की धमकी दी और सारे दस्तावेज़ लेकर चली गई. इसकी भी जाँच होनी चाहिए.

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4. सुशांत के परिवार पर रिया ने FIR में क्या आरोप लगाए ?
छह सितंबर को नार्कोटिक्स विभाग की पूछताछ के बाद रिया चक्रवर्ती ने मुंबई में एफ़आईआर दर्ज कराई. बीबीसी के उस एफ़आईआर की कॉपी भी मौजूद है.
एफ़आईआर में रिया ने सुशांत की बड़ी बहन प्रियंका सिंह और दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर तरुण कुमार और अन्य के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी, एनडीपीएस एक्ट और टेलीमेडिसिन एक्ट के उल्लंघन का जिक्र किया है.
रिया रिपोर्ट के मुताबिक़, ''आठ जून के दिन सुशांत सुबह से फोन पर किसी से बात करने में लगे थे. जब मैंने उससे पूछा कि वो किनसे बात कर रहा है तो सुशांत ने चैट मैसेज पढ़वाए जो उसकी बहन प्रियंका ने भेजे थे. मैसेज में उन दवाइयों कि पूरी लिस्ट थी जो राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टर तरुण कुमार ने भेजी थी. उनमें से कई दवाइयों के नाम ऐसे थे, जो एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रतिबंधित हैं.''
रिया के मुताबिक़ उनके मना करने के बावजूद सुशांत उन दवाइयों को लेने पर आमादा थे. इसलिए सुशांत ने उन्हें घर छोड़ कर जाने को कहा. सुशांत ने अपनी बहन मीतू सिंह के आने की भी सूचना उसी समय दी.
इसके अलावा रिया ने पूरे मामले से जुड़ा तकरीबन दो घंटे का इंटरव्यू भी आज तक न्यूज़ चैनल को दिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि सुशांत के परिवार वालों से उनकी नहीं बनती थी और वो ड्रग्स लेते थे. रिया ने ये भी कहा कि उन्होंने सुशांत को ऐसा ना करने के लिए कहा था लेकिन वो किसी की नहीं सुनते थे.
रिया ने ये भी कहा था कि सुशांत उनके मिलने से पहले डिप्रेशन के शिकार थे और कई डॉक्टरों से उनका इलाज भी चला. ड्रग्स मामले पर उन्होंने ज्यादा बोलने से ये कहते हुए इनकार किया कि इसकी जाँच चल रही है.
इस इंटरव्यू के बाद रिया के लिए न्याय की माँग भी सोशल मीडिया पर खूब उठी और कई बॉलीवुड सितारे रिया के समर्थन में आए.

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5.14 जून को क्या-क्या हुआ?
शुरुआत 14 जून 2020 से. रविवार का दिन था. दोपहर 2.30 बजे टीवी चैनलों पर सुशांत के सुसाइड की ख़बरें लैफ़्श होनी शुरू हुईं.
सुशांत मृत शरीर मुंबई स्थित उनके घर पर मिला. पुलिस का कहना था कि उन्होंने अपने घर में आत्महत्या कर ली है. हालाँकि पुलिस को उनके घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. आत्महत्या की वजह का भी अब तक पता नहीं चल सका है.
सबसे पहले सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू नौकर ने बांद्रा पुलिस स्टेशन में फ़ोन पर उनकी मौत की जानकारी दी थी. उनकी मौत पर प्रधानमंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री, क्रिकेट स्टार से लेकर तमाम बॉलीवुड सितारों ने अपनी संवेदना व्यक्त की. लेकिन तब किसी को नहीं पता था कि उनकी मौत का मामला आगे इतना उलझ जाएगा.
सुशांत सिंह राजपूत के घरेलू हेल्पर ने मुंबई पुलिस को बताया, "सुबह तक सब कुछ ठीक था. सुबह 6. 30 बजे सुशांत सोकर उठे थे. नौकर ने उन्हें सुबह नौ बजे अनार का जूस दिया और फिर उन्होंने इसे पिया भी था. इसके बाद सुशांत ने नौ बजे ही अपनी बहन से भी बातचीत की.''
''बहन से बात करने के बाद उन्होंने अपने दोस्त महेश शेट्टी से बात की - जो कि अभिनेता हैं और उन्हीं के साथ सुशांत ने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. सुशांत ने आख़िरी कॉल उन्हें ही किया था. इसके बाद वो अपने कमरे में चले गए और कमरा अंदर से लॉक कर दिया. जब 10 बजे खाने के बारे में नौकर पूछने आए तो सुशांत ने दरवाज़ा नहीं खोला."
''इसके दो-तीन घंटे बाद मैनेजर ने सुशांत की बहन को फ़ोन किया गया. वो आईं और तब ताला-चाभी बनाने वाले को बुलाकर दरवाज़ा खुलवाया गया और फिर सामने जो दिखा, उसे देखकर सब सदमे में आ गए."
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पुलिस के मुताबिक सुशांत की मौत 10 बजे से एक बजे के बीच हुई. शाम साढ़े पांच बजे डॉक्टर आरएन कपूर हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ उनका पोस्टमॉर्टम तीन डॉक्टरों की टीम ने किया.
पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने ये भी बताया कि उनकी बॉडी में ड्रग्स या ज़हर का पता लगाने के लिए उनके वाइटल ऑर्गंस को जेजे अस्पताल भेजा जाएगा.
मुंबई के डीसीपी जोन-9 के अभिषेक त्रिमुखे ने 14 जून को मीडिया को बताया, "अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत फाँसी लगने से हुई है, लेकिन पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही उनकी मौत का सही कारण बता सकती है. अभी तक हमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है."
पटना से उनका परिवार देर शाम मुंबई पहुँचा और सोमवार 15 जून को उनका अंतिम संस्कार किया गया.
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