यूपी: मुज़फ़्फ़रनगर में वक़्फ़ संशोधन बिल के ख़िलाफ़ काली पट्टी बांधकर विरोध करने वालों को नोटिस, अमित सैनी, बीबीसी हिंदी के लिए
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उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में वक़्फ़ संशोधन बिल के ख़िलाफ़ ईद और जुमे की नमाज़ के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताने वालों पर ज़िला प्रशासन ने सख़्ती दिखाई है.
प्रशासन ने सैकड़ों लोगों को नोटिस जारी कर शांति भंग करने का आरोप लगाया है.
हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्होंने शांति से विरोध प्रदर्शन किया था और प्रशासन की ये कार्रवाई उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश है.
नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है, “जुमे और ईद की नमाज़ के दौरान बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर वक़्फ़ बोर्ड के पारित विधेयक का विरोध किया गया. ये (विरोध करने वाले) लोग आम जनता को उकसा कर और गलत संदेश पहुंचाकर शांति व्यवस्था भंग कर सकते हैं."
नोटिस में ऐसे प्रदर्शनकारियों को 16 अप्रैल की सुबह 10 बजे सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है.
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जिन लोगों को ये नोटिस जारी किया गया है, वे इसे अन्याय बता रहे हैं.
फ़ख़रुद्दीन कहते हैं, "हमने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर मस्जिद के अंदर शांतिपूर्वक काली पट्टी बांधी थी, बाहर कुछ नहीं किया."
मोहम्मद शब्बीर ने बताया, "हमें व्हाट्सएप पर संदेश मिला था. हमने चुपचाप विरोध जताया, फिर भी नोटिस थमा दिया गया."
प्रशासन की इस कार्रवाई का असर मदरसों तक भी पहुंचा है.
शहर के सरवट में स्थित मदरसा महमूदिया के प्रधानाचार्य नईम त्यागी कहते हैं, “मुझे भी पुलिस का एक नोटिस मिला है. मैंने कोई काली पट्टी नहीं बांधी थी. मैंने कोई प्रदर्शन नहीं किया था."
वो कहते हैं, “पुलिस ने वारंट दिया और कहा कि 16 तारीख को कोर्ट में हाज़िर हों. हमारे मदरसे में हज़ारों लोग नमाज़ पढ़ते हैं, मुझे नहीं पता किसने काली पट्टी बांधी. हमारा काम तालीम देना है, वक़्फ़ बिल से हमारा कोई वास्ता नहीं है."
डीआईजी सहारनपुर रेंज अजय साहनी इस संबंध में कहते हैं, “सोशल मीडिया पर रेंज के तीनों जिलों में कार्रवाई हुई है. मुज़फ़्फ़रनगर में दो दर्ज़न से अधिक लोगों पर कार्रवाई हुई है और नोटिस दिए गए हैं."
दिल्ली दंगा 2020: कोर्ट ने हत्या के पांच अभियुक्तों को बरी किया
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इमेज कैप्शन, दंगों के दौरान भीड़ के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने फ़रवरी
2020 में हुए दिल्ली दंगे में हत्या के पांच अभियुक्तों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़,
अतिरिक्त सेशन जज पुलस्त्य प्रमाचला ने तीन अप्रैल को दिए अपने फ़ैसले में कहा कि घटना
के साथ अभियुक्तों के संबंध का कोई ‘साक्ष्य’ नहीं मिला.
साथ ही सेशन जज ने अन्य आरोपों को 'मानने योग्य' नहीं
पाया.
अदालत ने कुलदीप, दीपक यादव, दीपक ठाकुर, मोहम्मद
फ़ुरकान और मोहम्मद इरशाद को सभी आरोपों से बरी कर दिया.
क्या था मामला?
दंगों को दौरान सलमान नाम के एक व्यक्ति की हत्या
हो गई थी, हालांकि कोर्ट ने माना कि जांच अधिकारी असली अपराधी को तलाशने में
नाकाम रहे.
इन पांच अभियुक्तों पर आरोप लगा था कि ये उस भीड़
का हिस्सा थे, जिसने सलमान को मारा.
सेशन जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष ये साबित करने
में नाकाम रहा कि अभियुक्त उस भीड़ का हिस्सा थे.
अभियोजन पक्ष की दलील का ज़िक्र करते हुए कोर्ट
ने कहा कि 24 फ़रवरी 2020 को शिव विहार तिराहे पर दो धर्मों को मानने वालों की
भीड़ ने एक-दूसरे पर हमला किया.
इस भीड़ का मक़सद था एक दूसरे को नुकसान पहुंचाना
न कि अपने ही सदस्यों को नुकसान पहुंचाना.
अदालत ने कहा कि पुलिस असली अपराधियों को तलाशने
में विफल रही, और अगर दिल्ली पुलिस ऐसा नहीं कर सकी तो उसे अनट्रेस (क्लोज़र)
रिपोर्ट दाख़िल करनी चाहिए.
नेपाल में आया 5.0 तीव्रता का भूकंप
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नेपाल में शुक्रवार को भूकंप आया, रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.0 थी.
भारत में भूकंप की निगरानी करने वाली सरकारी नोडल एजेंसी राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक़ नेपाल में ये भूकंप 7 बजकर 52 मिनट पर आया.
कॉमेडियन, एक्टर रसेल ब्रांड पर रेप और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज
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इमेज कैप्शन, कॉमेडियन और एक्टर रसेल ब्रांड
ब्रिटेन के स्टैंडअप कॉमेडियन, एक्टर और पॉडकास्टर रसेल ब्रांड पर रेप और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए हैं.
बीबीसी की नूर नानजी की रिपोर्ट के मुताबिक़ लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने अपने एक बयान में रसेल पर लगे आरोपों की जानकारी दी है.
पुलिस की ओर से रसेल ब्रांड को ख़त लिखकर सूचना दी गई है कि उन पर रेप, हमला करने, ओरल रेप और यौन उत्पीड़न के दो अन्य आरोपों में मामले दर्ज किए गए हैं.
ब्रांड को 2 मई को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है
रसेल ब्रांड पर लगे आरोप चार अलग-अलग महिलाओं से संबंधित हैं.
सितंबर 2023 में द संडे टाइम्स, द टाइम्स और चैनल 4 की डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ 'डिस्पैचेज़' में रसेल ब्रांड के खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आए थे. इसके बाद पुलिस ने रसेल ब्रांड से कई बार पूछताछ की.
वहीं 49 साल के रसेल ब्रांड ने ख़ुद पर लगे आरोपों से इनकार किया था.
बैंकॉक में मिले भारत के पीएम मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री ओली, क्या बात हुई?
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इमेज कैप्शन, नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और पीएम मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बैंकॉक में आयोजित 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाक़ात की.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मुलाक़ात को लेकर एक्स पर पोस्ट किया.
उन्होंने लिखा, "बैंकॉक में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के साथ एक सार्थक बैठक हुई. भारत नेपाल के साथ संबंधों को काफी प्राथमिकता देता है."
"हमने भारत-नेपाल मैत्री के विभिन्न पहलुओं, खासकर
ऊर्जा, कनेक्टिविटी, संस्कृति और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों
पर चर्चा की."
पीएम मोदी ने आगे लिखा, "हमने इस साल के बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के कुछ प्रमुख सकारात्मक नतीजों, विशेष रूप से आपदा प्रबंधन और समुद्री परिवहन के क्षेत्रों पर भी बात की."
प्रधानमंत्री कार्यलय की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ दोनों नेताओं ने बहुआयामी साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की.
ट्रंप के टैरिफ़ पर चीन का पलटवार, अमेरिका पर लगाया 34 फ़ीसदी जवाबी टैरिफ़
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चीन ने ट्रंप के टैरिफ़ के जवाब में अमेरिकी चीज़ों पर भी 34 प्रतिशत टैरिफ़ लगाने का फ़ैसला किया है.
डोनाल्ड ट्रंप ने इसी हफ़्ते चीन पर 34 फ़ीसदी अतिरिक्त टैरिफ़ लगाने का फ़ैसला किया था.
अपना दूसरा कार्यकाल संभालते ही उन्होंने चीन पर पहले ही 20 प्रतिशत टैरिफ़ लगा दिया था.
यानी कुल मिलाकर अब चीन पर 54 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाया जा चुका है.
यानी चीन के जवाबी टैरिफ़ की दर ठीक उतनी ही है, जितना ट्रंप ने चीन पर इसी हफ़्ते टैरिफ़ लगाया था.
चीन के वित्त मंत्रालय ने कहा, "अमेरिका के लगाए टैरिफ़ बिलकुल न्यायसंगत नहीं हैं और इंटरनेशनल ट्रेड के नियमों का पालन नहीं करते."
वहीं चीन के इस क़दम पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ अकाउंट पर लिखा, "चीन ने ग़लत क़दम उठाया. वो जल्दी घबरा गए. उन्होंने वो कर दिया जो उन्हें नहीं करना चाहिए था."
वक़्फ़ संशोधन बिल के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे ओवैसी, याचिका में क्या कहा?
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ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने वक़्फ़ संशोधन बिल के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट में वक़्फ़ संशोधन बिल के ख़िलाफ़ एक रिट याचिका दायर की है.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक़ ओवैसी ने वक़्फ़ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत वक़्फ़ को दी गई सुरक्षा को ख़त्म करता है.
ओवैसी ने कहा है कि इस विधेयक के प्रावधान 'मुसलमानों और मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं'.
बता दें कि वक़्फ़ संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो चुका है. इस बिल को अभी राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलना बाकी है.
मोहम्मद यूनुस से मुलाक़ात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर क्या पोस्ट किया?
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस से हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद इसकी जानकारी दी है.
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की. भारत बांग्लादेश के साथ रचनात्मक और जन-केंद्रित संबंधों के लिए प्रतिबद्ध है."
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, "मैंने बांग्लादेश में शांति, स्थिरता, समग्रता और लोकतंत्र के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. अवैध तरीके से सीमा पार करने वालों को रोकने के उपायों पर चर्चा की और हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भलाई के लिए हमारी गंभीर चिंता व्यक्त की."
शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण से जुड़े सवाल पर क्या बोले विदेश सचिव विक्रम मिसरी?
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भारत के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को पीएम मोदी के थाईलैंड दौरे पर एक प्रेस ब्रीफिंग की. इस दौरान एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि शेख़ हसीना को लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से एक निवेदन आया है.
हालांकि, उन्होंने इस विषय पर आगे कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी से शेख़ हसीना को बांग्लादेश प्रत्यर्पित करने के लिए भारत से किए गए किसी औपचारिक अनुरोध को लेकर सवाल किया गया था.
इस पर विक्रम मिसरी ने जवाब दिया, "शेख़ हसीना के सिलसिले में बांग्लादेश की ओर से हमारे पास एक निवेदन आया है. हमारे प्रवक्ता इसके बारे में पहले ही बता चुके हैं. इस समय इस विषय पर कुछ और कहना सही नहीं होगा."
वक़्फ़ संशोधन विधेयक मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगी कांग्रेस, बीजेपी सांसद क्या बोले?
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इमेज कैप्शन, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा है कि हम इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.
कांग्रेस के राज्यसभा
सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा कि वक़्फ़ संशोधन बिल की
संवैधानिकता को कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
इससे पहले, जयराम रमेश
ने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस
जल्द ही वक़्फ़ संशोधन विधेयक, 2024 की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
देगी.”
“हम भारत के संविधान में शामिल सिद्धांतों और प्रावधानों पर किए
जा रहे मोदी सरकार के हमलों का विरोध जारी रखेंगे.”
इस पर, बीजेपी सांसद रविशंकर
प्रसाद ने कहा, “कांग्रेस के कुछ क़ानूनविद द्वारा कहा जा रहा है कि यह
बिल असंवैधानिक है. हम कोर्ट जाएंगे, तो जाएं कोर्ट. कोई रोक तो है नहीं.”
“संविधान
के छात्र के रूप में, मैं प्रमाणिकता से बोलना चाहूंगा कि यह जो वक़्फ़ संशोधन बिल
है, यह बिल्कुल संविधान सम्मत है.”
प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस से बातचीत में पीएम मोदी ने हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया
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इमेज कैप्शन, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रो. मोहम्मद यूनुस और पीएम मोदी की मुलाक़ात
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रो. मोहम्मद यूनुस से शुक्रवार को थाईलैंड में मुलाक़ात की. इस दौरान पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंताओं पर ज़ोर दिया.
इस मुलाक़ात की जानकारी देते हुए विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण, प्रगतिशील और सबको साथ लेकर चलने वाले बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया."
विक्रम मिसरी के मुताबिक़ पीएम मोदी ने बांग्लादेश के साथ सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाने की भारत की इच्छा जाहिर की. प्रधानमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि माहौल को ख़राब करने वाली किसी भी बयानबाजी से बचना चाहिए.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी के मुताबिक़ पीएम मोदी ने प्रो. यूनुस के सामने सीमा सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया और कहा कि सीमा पर सुरक्षा बनाए रखने के लिए कानून का सख़्त पालन और अवैध सीमा पार की रोकथाम ज़रूरी है.
इसके अलावा, विक्रम मिस्री ने कहा, "प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंताओं को भी रेखांकित किया."
दक्षिण कोरियाः राष्ट्रपति यून सुक-योल को संवैधानिक अदालत ने पद से हटाने का फ़ैसला सुनाया
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इमेज कैप्शन, दक्षिण कोरिया की संवैधानिक अदालत ने राष्ट्रपति यून सुक-योल के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाया.
दक्षिण कोरिया की संवैधानिक अदालत ने राष्ट्रपति
यून सुक-योल पर चलाए जा रहे महाभियोग को सर्वसम्मति से बरकरार रखा है और उनको तत्काल पद से हटाने का फ़ैसला किया है.
इसका मतलब यह है कि अब दक्षिण कोरिया में नए राष्ट्रपति के लिए 60 दिन में चुनाव कराने होंगे. यून के समर्थक जहां इस फ़ैसले से निराश हैं, वहीं उनके विरोधी इस फ़ैसले से ख़ुश हैं.
दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहप के मुताबिक़,
विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी ने संवैधानिक अदालत के इस फ़ैसले को आम जनता के लिए
बड़ी जीत बताया है.
दिसंबर 2024 में राष्ट्रपति यून सुक-योल ने देश में मार्शल लॉ लगाने की घोषणा की थी. लेकिन, सांसदों और जनता के दबाव में कुछ ही घंटों में उन्होंने मार्शल लॉ का आदेश वापस ले लिया था.
इसके बाद, राष्ट्रपति यून सुक-योल के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोपों की जाँच शुरू की गई थी.
थाईलैंडः पीएम मोदी और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रो. मोहम्मद यूनुस की मुलाक़ात
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इमेज कैप्शन, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.
भारत के प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफ़ेसर मोहम्मद यूनुस की शुक्रवार को मुलाक़ात
हुई है.
दोनों नेता थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में हो रही बिम्स्टेक की छठी समिट दौरान द्विपक्षीय बैठक में शामिल
हुए.
बिम्स्टेक (बाआईएमएसटीईसी) का मतलब 'बे ऑफ़ बंगाल इनिशिएटिव फ़ॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन' है.
भारत और बांग्लादेश के बीच पिछले कुछ समय से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. ऐसे में लंबे समय बाद दोनों शीर्ष नेताओं के बीच हुई यह मुलाक़ात अहम मानी जा रही है.
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इमेज कैप्शन, भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बना हुआ है.
पांच अगस्त 2024 को बांग्लादेश में जनता के विद्रोह के कारण शेख़ हसीना की सरकार गिर गई थी. इसके बाद, शेख़ हसीना ने भारत में शरण ली थी. वो तब से भारत में रह रही हैं.
इस मामले को लेकर दोनों देशों में तनाव देखा जा रहा है.
वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने केंद्र सरकार से ये कहा
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इमेज कैप्शन, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि सरकार ने जल्दबाज़ी में यह बिल लाकर, इसे पास कराया
लोकसभा और राज्यसभा में वक़्फ़ संशोधन बिल पास होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती का बयान सामने आया है.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “संसद में वक़्फ़ संशोधन बिल पर सत्ता और विपक्ष को सुनने के बाद,
निष्कर्ष
यही निकलता है कि केन्द्र सरकार यदि जनता को इस बिल को समझने के लिए कुछ और समय दे
देती तथा उनके सभी संदेहों को भी दूर करके इस बिल को लाती, तो यह बेहतर होता.”
उन्होंने लिखा, “लेकिन, दुःख की बात यह है कि सरकार
ने इस बिल को बहुत जल्दबाज़ी में लाकर जो इसे पास कराया है, यह उचित नहीं और अब इस
बिल के पास हो जाने पर यदि सरकारें इसका दुरुपयोग करती हैं तो फिर पार्टी मुस्लिम
समाज का पूरा साथ देगी अर्थात् ऐसे में इस बिल से पार्टी सहमत नहीं है.”
बता दें कि वक़्फ़ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है. इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े.
वहीं, राज्यसभा में गुरुवार देर रात वक़्फ़ संशोधन बिल पास हो गया. इसके समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े.
वक़्फ़ संशोधन विधेयक के पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?
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इमेज कैप्शन, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वक़्फ़ संशोधन विधेयक का पास होना एक महत्वपूर्ण पल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक़्फ़ (रिपिल)
विधेयक के पास होने को एक महत्वपूर्ण पल बताया. उन्होंने लिखा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी.
उन्होंने एक्स पर लिखा, “संसद के दोनों सदनों राज्यसभा
और लोकसभा में वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक
और मुसलमान वक़्फ़ (रिपिल) विधेयक का पास होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और
समावेशी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण पल है.”
”इससे खासतौर पर उन लोगों को मदद
मिलेगी, जो हाशिये पर हैं, जिनकी आवाज़ें अनसुनी रहीं और जिनको अवसरों से दूर रखा गया है.”
पीएम मोदी ने लिखा, “दशकों तक, वक़्फ़
सिस्टम में पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी थी. इससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं,
ग़रीब मुस्लिमों, पसमांदा मुस्लिमों को नुक़सान पहुंचा.”
“संसद में विधेयक के पास
होने के बाद पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी.”
उन्होंने लिखा, “अब हम एक ऐसे युग में
प्रवेश करेंगे, जहां का तंत्र सामाजिक न्याय के लिए ज़्यादा आधुनिक और संवेदनशील
होगा. व्यापक तौर पर हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए
प्रतिबद्ध हैं.”
“इस तरह हम एक मज़बूत और ज़्यादा समावेशी भारत का निर्माण कर सकते
हैं.”
बता दें कि वक़्फ़ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है. इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े. वहीं, राज्यसभा में गुरुवार देर रात वक़्फ़ संशोधन बिल पास हो गया. इसके समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े.
अमेरिकाः ट्रंप के टैरिफ़ के बाद शेयर बाज़ार में साल 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट, टॉम एस्पिनर, बीबीसी व्यापार संवाददाता
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इमेज कैप्शन, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी योजना राजस्व बढ़ाने की है
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ़ की घोषणा की और इसके एक दिन बाद ग्लोबल शेयर मार्केट में बड़ी गिरावट देखी गई. यह साल 2020 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट है.
ऐसा अनुमान है कि इस टैरिफ़ से कीमतें बढ़ेंगी और
इसका असर अमेरिका और विदेश में विकास पर पड़ेगा.
दरअसल, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शेयर बाज़ारों में
दूसरे दिन भी गिरावट देखने को मिली. अमेरिकी एस एंड पी 500 (मार्केट इंडेक्स) के लिए यह साल 2020 के बाद
सबसे ख़राब दिन रहा.
उस वक़्त कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो
गई थी. नाइकी, एपल और टारगेट के स्टॉक पर सबसे ज़्यादा बुरा असर
पड़ा. इनके शेयरों में 9 फ़ीसदी से ज़्यादा की गिरावट आई.
एसएंडपी 500, एक शेयर बाजार सूचकांक है, जो अमेरिका के स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड 500 अग्रणी कंपनियों के स्टॉक प्रदर्शन पर नज़र रखता है.
इस बीच, व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं
से कहा कि उन्होंने वैश्विक आयात पर 10 फ़ीसदी टैरिफ़ लगाने की योजना बनाई है,
ताकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में ‘उछाल’ आए और संघीय राजस्व बढ़े.
वहीं, चीन और यूरोपीय यूनियन ने इस टैरिफ़ पर जवाबी कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं.
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार का निधन, उनके बेटे ने क्या बताया?
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इमेज कैप्शन, कुणाल गोस्वामी ने बताया कि मनोज कुमार काफ़ी समय से अस्वस्थ थे
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का शुक्रवार सुबह निधन हो गया. उन्होंने 87 साल की उम्र में मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली.
उनके बेटे कुणाल गोस्वामी ने इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत की.
उन्होंने कहा, "दुर्भाग्य से मेरे पिता मनोज कुमार का निधन हो
गया. शुक्रवार सुबह साढ़े तीन बजे मुंबई के कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम
सांस ली."
"वो काफ़ी समय से अस्वस्थ थे. लेकिन, उन्होंने
शिद्दत से इसका मुकाबला किया है. यह भगवान की दया है कि वो चैन से, आराम से, इस दुनिया
से गए. कल सुबह उनका अंतिम संस्कार होगा."
'भारत कुमार' पड़ गया नाम
मनोज कुमार को हिंदी फ़िल्म जगत में उनकी देशभक्ति फ़िल्मों के लिए जाना जाता है. उनकी यादगार फ़िल्मों में क्रांति, उपकार, शहीद, 'पूरब और पश्चिम' के अलावा 'रोटी कपड़ा और मकान' शामिल है.
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इमेज कैप्शन, मनोज कुमार
उनका मूल नाम था हरिकृष्ण गोस्वामी था. फ़िल्मी करियर के लिए उन्होंने मनोज कुमार नाम अपनाया था. उनका जन्म 1937 में ऐबटाबाद हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है.
मनोज कुमार ने देशभक्ति वाली इतनी फ़िल्में कीं और वो इतनी हिट रहीं कि उनका नाम ही 'भारत कुमार' पड़ गया.